दोस्तों हम सभी अपने स्मार्ट फ़ोन में और कंप्यूटर में बहुत से कीबोर्ड का इस्तेमाल किये होंगे या कर रहे होंगे जैसे वायर्ड कीबोर्ड, वायरलेस कीबोर्ड, रोलिंग कीबोर्ड, लेकिन क्या आपने laser keyboard ya Projection keyboard का कभी इस्तेमाल किया है,
कभी आपने इसके बारे में सुना है. यदि नहीं सुना है तो यह पोस्ट आपके लिए ही है, आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आप लोगो को बताएँगे की Laser keyboard kya hota hai aur yah kaise kaam karta hai?
हो सकता है की भविष्य में यह हम लोगो के मोबाइल और कंप्यूटर के साथ ही आये, और बिना किसी एक्स्ट्रा प्रोजेक्टर के इसका यूज़ कर पाए.
इसके बाद canseta कंपनी ने इसको और ज्यादा विकसित किया और इसके लिए एक छोटा सा प्रोजेक्टर बनाया और एक फाउंटेन पेन भी बनाया ताकि इसका इस्तेमाल आसानी से हो सके.
अब जैसे ही हम किसी के सरफेस को छूटे है तो तो वह इन्फ्रारेड लाइट हम लोगो की अंगुलियों से टकराकर वापिस CMOS सेंसर से गुजरती है. और यह सेंसर यह पता लगा लेता है की हमने कौन से के को टच किया है. और वह सॉफ्टवेर के मदद से हमें इसका आउटपुट दे देती है.
आप इसे USB या ब्लूटूथ किसी से भी जोड़ सकते है.
यह रात में काम करने के लिए काफी बेहतर आप्शन है.
आप इससे लम्बे समय तक भी इस्तेमाल कर सकते है.
यह साइज़ में छोटा होता है, और इसका वजन भी कम होता है. जिससे इसे कही भी ले जा सकते है.
इसे OTG सपोर्टेड स्मार्ट फ़ोन , या टेबलेट में ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
ब्लूटूथ लेज़र कीबोर्ड को इस्तेमाल करने के लिए आपको सेल का इस्तेमाल करना पड़ता है.
इसको इस्तेमाल करने के लिए इसका कनवर्टर सॉफ्टवेर इस्तेमाल करना पड़ता है यह एक प्लग एंड प्ले डिवाइस नहीं है.
एकदम एक्यूरेट keystroke के लिए आपको उसे एकदम समतल एरिया पर इस्तेमाल करना पड़ेगा.
चुकी यह अभी सभी डिवाइस को सपोर्ट नहीं कर पता है और यह प्लग एंड प्ले डिवाइस भी नहीं है, और सबसे बड़ी बात की यह बहुत ही ज्यादा महंगा है. यह कम से कम 2500 रुपये में मिलता है. इसीलिए अभी यह पैर नहीं पसार प् रहा है. लेकिन आज के 4 से 5 साल बाद यह हम लोगो के सभी स्मार्ट फ़ोन और कंप्यूटर में inbuild आ सकता है.
मुझे उम्मीद है की आज का यह पोस्ट Laser keyboard kya hota hai, yah kaise kaam karta hai? आप लोगो को जरुर पसंद आया होगा. इसे आप अपने मित्रो के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करे.
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Laser Keyboard/Projection keyboard Kya Hai?
यह एक प्रकार का इनपुट डिवाइस जो लेज़र लाइट की मदद से कीबोर्ड की डिजाईन को किसी समतल जगह पर प्रोजेक्ट करता है. और यह कंप्यूटर या मोबाइल से ब्लूटूथ से जुड़ा होता है. और जैसे ही इस बने हुए कीबोर्ड के किसी बटन को छूटे है तो उसे मालूम चल जाता है की कौन सा बटन टच किया गया है.हो सकता है की भविष्य में यह हम लोगो के मोबाइल और कंप्यूटर के साथ ही आये, और बिना किसी एक्स्ट्रा प्रोजेक्टर के इसका यूज़ कर पाए.
History of Laser Keyboard?
Optical vertual keyboard या Laser keyboard को सबसे पहले 1992 में International Business machine( IBM) ने बनाया. यह हाथ और अंगुलियों के मोशन को डिटेक्ट करके CPU को सिग्नल ट्रान्सफर करता है. जिससे के स्ट्रोक का पता लगता है. यह डिवाइस पिंक कलर की लाइट प्रोजेक्ट करती है.इसके बाद canseta कंपनी ने इसको और ज्यादा विकसित किया और इसके लिए एक छोटा सा प्रोजेक्टर बनाया और एक फाउंटेन पेन भी बनाया ताकि इसका इस्तेमाल आसानी से हो सके.
Laser keyboard kaam kaise karta hai?
दरअसल लेज़र कीबोर्ड में सबसे ऊपर की तरफ एक लेज़र लाइट लगी होती है. इसके आगे के कीबोर्ड का लेआउट लगा होता है. जो लेज़र लाइट के द्वारा किसी समतल सरफेस पर एक कीबोर्ड का लेआउट डिस्प्ले करती है. इसके ठीक निचे एक सेंसर लगा होता है और उस सेंसर के निचे एक इन्फ्रारेड लाइट लगी होती है जो कीबोर्ड के ऊपर एक थीं लेयर generate करती है. जो दिखाई नहीं देती है.अब जैसे ही हम किसी के सरफेस को छूटे है तो तो वह इन्फ्रारेड लाइट हम लोगो की अंगुलियों से टकराकर वापिस CMOS सेंसर से गुजरती है. और यह सेंसर यह पता लगा लेता है की हमने कौन से के को टच किया है. और वह सॉफ्टवेर के मदद से हमें इसका आउटपुट दे देती है.
Connectivity
laser कीबोर्ड को कंप्यूटर और स्मार्ट फ़ोन के साथ USB और ब्लूटूथ से कनेक्ट किया जा सकता है. ब्लूटूथ दोंगल की मदद से भी आप इसे अपने डेस्कटॉप से कनेक्ट कर सकते है. इसमें multi पॉइंट कनेक्टिविटी भी मिलता है.Laser keyboard se fayda kya hai?
इसको इस्तेमाल करने के लिए आपको वायर की जरुरत नहीं पड़ती.आप इसे USB या ब्लूटूथ किसी से भी जोड़ सकते है.
यह रात में काम करने के लिए काफी बेहतर आप्शन है.
आप इससे लम्बे समय तक भी इस्तेमाल कर सकते है.
यह साइज़ में छोटा होता है, और इसका वजन भी कम होता है. जिससे इसे कही भी ले जा सकते है.
Laser keyboard se nuksan kya hai?
इसका मूल्य एक सामान्य कीबोर्ड के मुकाबले दस गुना होता है.इसे OTG सपोर्टेड स्मार्ट फ़ोन , या टेबलेट में ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
ब्लूटूथ लेज़र कीबोर्ड को इस्तेमाल करने के लिए आपको सेल का इस्तेमाल करना पड़ता है.
इसको इस्तेमाल करने के लिए इसका कनवर्टर सॉफ्टवेर इस्तेमाल करना पड़ता है यह एक प्लग एंड प्ले डिवाइस नहीं है.
एकदम एक्यूरेट keystroke के लिए आपको उसे एकदम समतल एरिया पर इस्तेमाल करना पड़ेगा.
Conclusion
आज के समय में यह laser keyboard एक नयी टेक्नोलॉजी है. लेकिन यह काफी महंगा होने के कारन अभी इसका बहुत इस्तेमाल नहीं हो रहा है. लेकिन देखा जाये तो अभी इसमे सुधार की बहुत ही गुंजाईश है. और जब यह अच्छी तरह से इम्प्रोव हो जायेगा यह तभी मार्किट में स्पीड पकड़ेगा.चुकी यह अभी सभी डिवाइस को सपोर्ट नहीं कर पता है और यह प्लग एंड प्ले डिवाइस भी नहीं है, और सबसे बड़ी बात की यह बहुत ही ज्यादा महंगा है. यह कम से कम 2500 रुपये में मिलता है. इसीलिए अभी यह पैर नहीं पसार प् रहा है. लेकिन आज के 4 से 5 साल बाद यह हम लोगो के सभी स्मार्ट फ़ोन और कंप्यूटर में inbuild आ सकता है.
मुझे उम्मीद है की आज का यह पोस्ट Laser keyboard kya hota hai, yah kaise kaam karta hai? आप लोगो को जरुर पसंद आया होगा. इसे आप अपने मित्रो के साथ सोशल मीडिया पर जरुर शेयर करे.
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