दोस्तों क्या आप जानते है की digital signature kya hota hai? और यह digital signature kaise kaam karta hai? इस समय सब कुछ डिजिटल हो रहा है. तो हमारा signature क्यों नहीं?
किसी भी document पर signature का मतलब होता है की हम उस पर लिखे गए जानकारी से सहमत है. और उस को हमने पूरा पढ़ कर signature किया है. लेकिन digital signature का नाम आते ही मन में एक संदेह लगा रहता है की क्या यह पूरी तरह सुरक्षित है. और क्या यह पुराने signature के बेहतर है.तो इस चर्चा करने से पहले हम यह जान लेते है की digital signature aur paper signature me antar kya hai?
किसी भी document पर signature का मतलब होता है की हम उस पर लिखे गए जानकारी से सहमत है. और उस को हमने पूरा पढ़ कर signature किया है. लेकिन digital signature का नाम आते ही मन में एक संदेह लगा रहता है की क्या यह पूरी तरह सुरक्षित है. और क्या यह पुराने signature के बेहतर है.तो इस चर्चा करने से पहले हम यह जान लेते है की digital signature aur paper signature me antar kya hai?
digital signature vs paper signature in Hindi
यदि बात की जाये paper signature की तो इसको बड़ी ही आसानी से किसी एक्सपर्ट के द्वारा कॉपी किया जा सकता है. और किसी भी फर्जी काम को अंजाम दिया जा सकता है. और बहुत से लोग इसका काफी फायदा उठा चुके होंगे.
लेकिन जब बात digital signature की आती है तो इसको कभी भी कॉपी नहीं किया जा सकता है. और ना ही इसके साथ छेड़छाड़ किया जा सकता है. आजकल सरकार के द्वारा सभी सेवाए इ गवर्नेस के माध्यम से लोगो को मिल रही है.
आय, जाति निवास प्रमाण पत्र, वोटर कार्ड, अधर कार्ड, pan कार्ड पर पहले अधिकारियो के signature होते थे. लेकिन अब यह सारा काम digital signature के द्वारा किया जा रहा है. तो इस पर संदेह की कोई गुंजाईश ही नहीं है.
digital signature kya hota hai.
इसमे public key algorithm के इस्तेमाल से computer code या key generate किया जाता है. जो एक पब्लिक होता है और दूसरा प्राइवेट होता है. और दोनों एक दुसरे से लिंक्ड होते है. और फिर साइनिंग software की मदद से signature का one way hash बनाया जाता है. इसके पश्चात प्राइवेट key की सहायता से इस हैश को encrypt कर दिया जाता है. और इसे ही हम digital signature कहते है.यह paper signature के साथ टेम्परिंग किया जा सकता है लेकिन digital signature के साथ ऐसा संभव नहीं है. यदि कोई ब्यक्ति इसके साथ टेम्परिंग की कोशिश भी करेगा तो यह पकड़ में आ जायेगा.
digital signature kaise kaam karta hai?
यह paper signature से काफी भिन्न होता है जहा paper signature में हम पेन और paper का इस्तेमाल करते है. वही digital signature में software generated पब्लिक key का इस्तेमाल करते है. अर्थात digital signature एक प्रकार का computer code होता है. जिसे सिर्फ कोई अधिकृत ब्यक्ति ही इस्तेमाल कर सकता है. इसके उपयोग करने के लिए एक यूजर आईडी और पासवर्ड की जरुरत होती है. इसके साथ एक डोंगल की भी जरुरत होती है.चुकी हैश का वैल्यू यूनिक होता है, और यदि कोई इसके हैश वैल्यू के साथ टेम्परिंग करने की कोशिश करेगा तो इसका वैल्यू change हो जायेगा. और वेलिडेशन के समय डाटा मैच नहीं होने के कारण यह पता लग जायेगा की इसके साथ टेम्पिंग किया गया है. और यह भरोसे के लायक नहीं है.
क्या digital certificate का इस्तेमाल safe है?
digital signature का इस्तेमाल पूरी तरह से safe है. इसमे कोई संदेह नहीं होना चाहिए. क्योकि इसका प्राइवेट key cryptographic टोकन से बनता है और यह उसी के अन्दर हमेशा रहता है.इसको एक्सेस करने के लिए cryptographic टोकन के साथ PIN की भी जरुरत होती है. यदि आप अपना cryptographic टोकन और PIN किसी के साथ शेयर नहीं करते है तो आपका digital signature पूरी तरह से सुरक्षित है.
digital signature के मुख्य फायदे
- चुकी हम पहले ही बता चुके है की digital signature प्राइवेट key के साथ लिंक्ड होता है. और इसे कोई दूसरा नहीं इस्तेमाल कर सकता है. तो इससे यह पता लग जाता है की document का असली मालिक कौन है.
- यदि कोई ब्यक्ति किसी document में digital signature करता है तो वह इससे बाद में मुकर नहीं सकता है की यह signature उसका नहीं है. या यह नहीं कह सकता है की signature फर्जी है.
- यदि इसमे कोई छोटी से भी टेम्परिंग की जाती है तो वह पता लग जाता है. और इसका कॉपी करना नामुमकिन है.
digital certificate और digital signature में difference.
digital certificate का इस्तेमाल किसी website के trust को verify करने के लिए किया जाता है. की यह website कितना त्रुस्तेद है. जबकि digital signature का यूज़ किसी document को verify करने के लिए किया जाता है.Conclusion
आज के समय में सरकारी दस्तावेज से लेकर ईमेल तक में digital signature का इस्तेमाल हो रहा है. क्योकि इसके द्वारा किसी भी document के सत्यता, इसके साथ टेम्परिंग आदि का पुख्ता प्रमाण मिलता है.
मुझे उम्मीद है की मेरा आज का यह आर्टिकल digital signature kya hai aur kaise kaam karta hai? आप लोगो को जरुर पसंद आया होगा. और मेरा आप लोगो से निवेदन है की आप लोग इसे अपने मित्रो के साथ facebook, twitter पर इसे जरुर शेयर करे.
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