Mutual fund (म्यूचुअल फ़ंड) में एकत्र किए गए पैसों का क्या किया जाता है
कुछ लोगों का समूह जब मिल कर पैसे जमा करता है। तब सामान्य तौर पर उनका मकसद पैसे कमाना होता है। लेकिन ज्ञान के अभाव और कम कुशलता के कारण खुद को पता नहीं चलता है की किस प्रकार के निवेश प्लान में पैसे डालने उचित होंगे। इसी कारण लोग अपना पैसा म्यूचुअल फ़ंड में डालते हैं। ऐसे खास फ़ंड को कहाँ निवेशित करना है किस मात्र में निवेशित करना है इस बात का अहम फैसला Mutual Fund Manager के द्वारा लिया जाता है। इस कार्य के लिए Mutual fund companies अनुभवी विशेषज्ञों को बहाल करती हैं। Mutual Fund company के Fund manager सभी आंकड़ों का विश्लेषण कर के, बड़ी कुशलता से लाभ देने वाले निवेश स्कीम चुन कर सही मात्रा में लोगों के एकत्रित किए हुए धन को निवेश करते हैं।
म्यूचुअल फ़ंड की सामान्य जानकारी – Mutual Fund Information
- निवेशकों का बड़ा समूह मिल कर जो धन एकत्रित करता है। जिसे कोई Mutual Fund Company द्वारा निवेशित किया जाता है वही म्यूचुअल फ़ंड होते हैं।
- म्यूचुअल फ़ंड का नाप Unit (यूनिट) में होता है। उदाहरण के तौर पर अगर एक लाख की कोई मीलकीयत खरीदी जाती है तो उसके 10 रुपए वाले Unit हों तो कुल 10 हज़ार Unit होंगे। निवेशक अपनी मरज़ी अनुसार छोटी सी रकम लगा कर भी इसमें निवेश कर सकता है। न्यूनतम 500 रुपए लगा कर भी म्यूचुअल फ़ंड में निवेश संभव है।
- अब मान लीजिये की ऊपर के उदाहरण में कहे अनुसार 10 रुपए वाले 100 यूनिट किसी ग्राहक नें खरीदे हैं। और उस 1 लाख की मीलकीयत की कीमत बढ़ कर 1.5 लाख हो गयी तो जिसने 100 यूनिट 10 रुपए के भाव से खरीदे हैं उसके यूनिट के भाव 15 रुपए हो जाएंगे और लगाये हुए 10 हज़ार (100 यूनिट) की कीमत 15 हज़ार हो जाएगी। दाम गिरने पर इसी गणना अनुसार कीमत घटेगी।
- निवेश किए गए पैसों की ज़रूरत पड़ने पर म्यूचुअल फ़ंड निवेश कभी भी निकाला जा सकता है। लेकिन जब म्यूचुअल फ़ंड बेचते हैं (निकालते हैं) तब उसकी जो वर्तमान कीमत होगी वही प्राप्त होगी। टीवी पर चल रहे विज्ञापन में भी कहा जाता है की म्यूचुअल फ़ंड निवेश बाज़ारों के जोख़िम के आधीन है। बाज़ार में तेज़ी आने पर लाभ होगा और मंदी आने पर निवेशित फ़ंड के दाम गिर भी सकते हैं।
- Mutual fund में निवेश करने पर Mutual Fund Manager एकत्र हुआ फ़ंड शेर मार्केट, बॉन्ड, कोमोडिटी, गोल्ड, अन्य धातु और दूसरी अन्य लाभदायक चीजों पर लगाते हैं।
- Mutual fund निवेश के तहत किसी भी प्रॉपर्टि को एक निर्धारित रकम (Unit) में बांटा जाता है। जिसे निवेशक अपनी सुविधा अनुसार छोटी छोटी रकम में खरीद सकता है।
- म्यूचुअल फ़ंड निवेश की बागडोर बाज़ार के रुख की नस पहचान सकने वाले अनुभवी और कुशल विसेषज्ञों के हाथ में होती है जिस कारण पूरी रकम डूब जाने के आसार ना के बराबर होते हैं।
- म्यूचुअल फ़ंड कंपनीयां निवेश की गई रकम सही जगह डाल कर (निवेश कर के) महत्तम रिटर्न दिलाने का काम करते हैं। और इस सेवा के बदले वह अपने ग्राहकों से कुछ प्रतिशत फीस वसूलते हैं।
Conclusion
पूरे लेख का निष्कर्ष संक्षिप्त में कहा जाये तो Mutual fund में निवेश करना चाहिए। एक साथ नहीं पर थोड़ा थोड़ा कर के प्रति माह निवेश करने पर तेज़ी मंदी में हेजिंग का लाभ मिलता है। यानी की ज़्यादा दाम में Unit ले लिए हों तो दाम गिरने पर कम दाम में Unit ले कर ऊंचे दाम वाले निवेश की कीमत सही की जा सकती है। Mutual Fund में निवेश के दाम गिरने का खतरा रहता है। इस लिए पूरे पैसे इसमें निवेश नहीं करने चाहिए और अच्छी कंपनी के म्यूचुअल फ़ंड ही खरीदने चाहिए।
जिन कंपनियों नें पिछले वित्त वर्ष अच्छा रिटर्न दिया हों और उनका कर्ज़ कम हों, तथा मीलकीयत की क्वालिटी अच्छी हों ऐसी कंपनी के म्यूचुअल फ़ंड में थोड़ा थोड़ा कर के निवेश करना लाभदायी होगा। मुनाफा होने पर हर बार थोड़ा थोड़ा प्रॉफ़िट निकाल ते रहना सही होगा। mutual fund की अधिक जानकारी के लिए पास के किसी Share Broker या Online Mutual Fund वैबसाइट का संपर्क कर के जानकारी हासिल की जा सकती है।
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