हेल्लो दोस्तों AdviceOn में आपका स्वागत है आज इस पोस्ट में हम जानेंगे की कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट सिस्टम क्या होता है और क्या क्या काम आता है दोस्तों यदि आप कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट सिस्टम के बारे में बारीकी से जानना चाहते हो तो आप यह पोस्ट बिलकुल सही पढ़ रहे हो क्योकि हम आपको बताएँगे की आखिर कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट सिस्टम होता क्या है और किस काम आता है तो आइये जानते है .
दोस्तों कंप्यूटर में सूचनाये इसलिए प्राप्त की जाती है की सही निर्णय किया जा सके ! कंप्यूटर से सुचना प्राप्त करने का पहला पद है की कंप्यूटर में डाटा व् निर्देसो को सही ढंग से व लाजिक कर्म को ध्यान में रखकर कंप्यूटर में रखा जाये ! सभी सूचनाओ को प्रोग्राम के अनुसार कंप्यूटर में भेजा जाता है !
कंप्यूटर में इनपुट उपकरणों का उपयोग डाटा व निर्देसो को कंप्यूटर में पहुछाने के लिए किया जाता है ,जबकि आउटपुट उपकरणों का उपयोग कंप्यूटर से परिणाम को प्राप्त करने के लिए किया जाता है !
इस अध्याय में हम कुछ इनपुट उपकरण ,आउटपुट उपकरण के बारे में जानेंगे तो आइये जानते है ....
यह उपकरण कंप्यूटर में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला उपकरण है ! यह टाइपराइटर के सामान ही होता है ! यह उपकरण कंप्यूटर से एक केबल के दुवारा जुड़ा होता है ! इसमें टाइपराइटर की तुलना में कुछ ज्यादा key होती है !वर्तमान में में 80 या 104 key वाले keyboard प्रचलन में है ! कंप्यूटर के keyboard में सबसे उपर दाहिनी और रोशनी देने वाले तीन इंडिकेटर Caps Lock, Num Lock तथा Scroll Lock लगे रहते है! कीबोर्ड में मुख्य निम्न कुंजिया होती है ---
नोट : टेबल को पूरी सही तरीके से देखने के लिए कृपया अपने फ़ोन को Rotate करे
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दोस्तों कंप्यूटर में सूचनाये इसलिए प्राप्त की जाती है की सही निर्णय किया जा सके ! कंप्यूटर से सुचना प्राप्त करने का पहला पद है की कंप्यूटर में डाटा व् निर्देसो को सही ढंग से व लाजिक कर्म को ध्यान में रखकर कंप्यूटर में रखा जाये ! सभी सूचनाओ को प्रोग्राम के अनुसार कंप्यूटर में भेजा जाता है !
कंप्यूटर में इनपुट उपकरणों का उपयोग डाटा व निर्देसो को कंप्यूटर में पहुछाने के लिए किया जाता है ,जबकि आउटपुट उपकरणों का उपयोग कंप्यूटर से परिणाम को प्राप्त करने के लिए किया जाता है !
1. Input Device (इनपुट उपकरण )
कंप्यूटर में इनपुट उपकरण वे उपकरण होते है जिनके द्वारा डाटा को कंप्यूटर में प्रवेस कराया जाता है कुछ मुख्य इनपुट उपकरण इस प्रकार है - माऊस, की-बोर्ड, स्केनर, डी.वी.डी.ड्राईव, पेनड्राईव, कार्डरीडर, माइक्रोफोन
► Key-Board (की-बोर्ड )
यह उपकरण कंप्यूटर में सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाला उपकरण है ! यह टाइपराइटर के सामान ही होता है ! यह उपकरण कंप्यूटर से एक केबल के दुवारा जुड़ा होता है ! इसमें टाइपराइटर की तुलना में कुछ ज्यादा key होती है !वर्तमान में में 80 या 104 key वाले keyboard प्रचलन में है ! कंप्यूटर के keyboard में सबसे उपर दाहिनी और रोशनी देने वाले तीन इंडिकेटर Caps Lock, Num Lock तथा Scroll Lock लगे रहते है! कीबोर्ड में मुख्य निम्न कुंजिया होती है ---नोट : टेबल को पूरी सही तरीके से देखने के लिए कृपया अपने फ़ोन को Rotate करे
Ⅰ | Alphabets Keys (वर्ण कुंजिया ) | A से Z एवं a से z |
Ⅱ | Numeric Keys (अंक कुंजिया ) | 0 से 9 |
Ⅲ | Function Keys (कार्य कुंजिया ) | F1 से F12 |
Ⅳ | Arrow Keys (दिशा कुंजिया ) | ← ↑ → ↓ |
Ⅴ | Character Keys (करेक्टर कुंजिया) | (, ), [ ,] , *, =, +,-, /, ? , < , > , ! ,@ ,# ,$ ,% ,^ ,& ,|{ ,}, |
Ⅵ | Special Keys (विषेस कुंजिया ) | Enter ,Del, Ctrl ,Alt ,Ecs , Insert ,End ,Home,आदि |
(Ⅰ) Alphabets Keys (वर्ण कुंजिया ) : वर्ण कुंजियो में समस्त वर्ण निम्न प्रकार से लिखे रहते ह.
A से Z एवं a से z
यदि वर्ण का उपयोग A से Z के रूप में करना हो तो पहले Caps Lock कुंजी को दबाते है जिससे दाहिनी और कीबोर्ड में एक लाइट जल जाती है जिसे हमे यह पता चल जाता है की Caps Lock कुंजी पूर्णतया दब गयी है . अब वर्ण की किसी भी कुंजी को दबाने पर आने वाला वर्ण A से Z के रूप में होगा . यदि लिखते हुए केवल एक वर्ण को ही बड़ा कर्ण अहो तो Shift कुंजी व वर्ण कुंजी एक साथ दबाते है
उदाहरण के लिए मान लीजिये G को बड़ा लिखना है तो Shift +g एक साथ दबाते है जिससे G स्क्रीन पर छपता है
(Ⅱ) Numeric Keys (अंक कुंजिया ) : कीबोर्ड में सबसे उपर मद्यम भाग में अंक 0 से 9 तक की कुंजिया होती है यह कुंजिया निम्न प्रकार से व्यवस्थित होती है
(Ⅴ ) Character Keys ( करेक्टर कुंजिया ) : यह विशेष प्रकार की कुंजिया होती है जो विभिन्न चिन्हों को दरसाने में काम आती है जेसे ..
A से Z एवं a से z
यदि वर्ण का उपयोग A से Z के रूप में करना हो तो पहले Caps Lock कुंजी को दबाते है जिससे दाहिनी और कीबोर्ड में एक लाइट जल जाती है जिसे हमे यह पता चल जाता है की Caps Lock कुंजी पूर्णतया दब गयी है . अब वर्ण की किसी भी कुंजी को दबाने पर आने वाला वर्ण A से Z के रूप में होगा . यदि लिखते हुए केवल एक वर्ण को ही बड़ा कर्ण अहो तो Shift कुंजी व वर्ण कुंजी एक साथ दबाते है
उदाहरण के लिए मान लीजिये G को बड़ा लिखना है तो Shift +g एक साथ दबाते है जिससे G स्क्रीन पर छपता है
(Ⅱ) Numeric Keys (अंक कुंजिया ) : कीबोर्ड में सबसे उपर मद्यम भाग में अंक 0 से 9 तक की कुंजिया होती है यह कुंजिया निम्न प्रकार से व्यवस्थित होती है
1 2 3 4 5 6 7 8 9 0 |
(Ⅲ) Function Keys (कार्य कुंजिया ) : यह कुंजिया कुल 12 होती है तथा F1 F2 .......F12 के रूप में उपस्थित होती है यह कुंजिया निम्न प्रकार से व्यवस्थित होती है .
F1 | F2 | F3 | F4 | F5 | F6 | F7 | F8 | F9 | F10 | F11 | F12 |
इनका विभिन्न सॉफ्टवेर में अलग अलग कार्य होता है .
(Ⅳ) Arrow Keys (दिशा कुंजिया ) : यह कुंजिया कर्सर को गतिशील करने में काम आती है जेसे .
↑ यह कुंजी कर्सर को एक लाइन उपर ले जाने के काम आती है
↓ यह कुंजी कर्सर को एक लाइन निचे ले जाने के काम आती है
→ यह कुंजी कर्सर को एक अक्षर दाई और ले जाने के काम आती है
← यह कुंजी कर्सर को एक अक्षर बाई और ले जाने के काम आती है
! ,@ ,# ,$ ,% ,^ ,& ,* ,( ,) ,_ ,+ ,| ,= ,- ,< ,> ,? ,: ," ,{ ,} ,[ ,] , ; ,' ,/
(Ⅵ) Special Keys ( विषेस कुंजिया ) : कीबोर्ड की कुछ विषेस प्रकार की कुंजिया एवं उनके कार्यमन प्रकार से है जेसे ..
Enter /Return कुंजी : यह कुंजी दबाने पर कंप्यूटर को निर्देस प्रदान किये जाते है जिससे कंप्यूटर उन पर काम करता है
End कुंजी : यह कर्सर को स्क्रीन के अंत में ले जाती है
Back Space कुंजी : यह स्क्रीन पर से एक एक अक्षर को मिटाते हुए कर्सर को बाई और ले जाती है
Space कुंजी : यह कुंजी कीबोर्ड की सबसे लम्बी कुंजी होती है इसका उपयोग एक अक्षर के बराबर खली स्थान छोड़ने के लिए किया जाता है
Del (Delete) कुंजी : यह कुंजी कर्सर के उपर स्थित अक्षर को मिटाने के काम आती है
Insert कुंजी : यह कुंजी दो अक्षरों की बीच में किसी दुसरे अक्षर को डालने में काम में ली जाती है
Tab कुंजी : यह कर्सर को 5 -5 स्थान दाई या बाई और ले जाने के काम में आती है
Esc कुंजी : यह कंप्यूटर को प्रोसेसिंग के दोरान रोकने के काम आती है इस कुंजी का उपयोग भी अलग अलग सॉफ्टवेर में अलग अलग तरीके से होता है
Pause कुंजी : यह कंप्यूटर को प्रोसेसिंग के समय अस्थाई रूप से रोकने के काम आता है
Shift कुंजी : यह संख्या में दो होती है और जिन कुंजियो में दो चिह्न अंकित होते है उनसे उपर वाला चिह्न अंकित करने के लिए इस कुंजी का उपयोग किया जाता है जेसे ..
7 नंबर वाली कुंजी के उपर & और छपा है तो यदि अकेली कुंजी को दबायेंगे तो 7 प्रिंट होगा और Shift के साथ में 7 नंबर की कुंजी को दबायेंगे तो & प्रिंट होगा
दोस्तों कीबोर्ड पांच प्रकार के होते है आइये जानते है यह पांच प्रकार कोन कोन से होते है ..
▶पारम्परिक कीबोर्ड - दोस्तों पारम्परिक कीबोर्ड सम्मान्य कीबोर्ड होते है यह डिजाईन में आयताकार और दर्द्द होते है पारम्परिक कीबोर्ड के बारे में मेने आपको उपर विवरण में बता दिया है
▶लचीले कीबोर्ड - दोस्तों जेसा की नाम से पता चलता ह की लचीले कीबोर्ड वे कीबोर्ड होते है जिन्हें आसानी से मोड़ा या लपेटा जा सकता है इस प्रकार का कीबोर्ड मुक्यथ मोबाइल यूजर के लिए डिजाईन किया गया है
▶ग्रोनोमिक कीबोर्ड - दोस्तों यह कीबोर्ड पारम्परिक कीबोर्ड के ही सामान होता है लेकिन यह आकर में आयताकार नहीं होते इसमें हथेली रखने के लिए एक नाम रेस्ट प्रदान किया जाता है इस प्रकार का कीबोर्ड कलाई में होने वाले दर्द से बचने के लिए डिजाईन किया गया है
▶वायरलेस कीबोर्ड - इस प्रकार का कीबोर्ड इनपुट किये गये डाटा को वायु के माद्यम से सिस्टम यूनिट में स्थानांतरित करता है इसमें सिस्टम यूनिट से कीबोर्ड जोड़ने के लिए तारो का उपयोग नहीं किया जाता
▶पीडीए कीबोर्ड - एस प्रकार के कीबोर्ड को मुख्यत पीडीए और स्मार्ट फ़ोन द्वारा ई -मेल भेजने डोकोमेंटबनाने और अन्य कार्यो को करने के लिए डिजाईन किया गया है .
► Mouse (माउस)
दोस्तों माउस कर्सर कंट्रोलिंग तथा पोइंटिंग उपकरण है अर्थात माउस द्वारा कंप्यूटर स्क्रीन पर कण्ट्रोल को नियंत्रित किया जाता है तथा विशेष स्थान पर पॉइंट किया जाता है माउस हतेली के आकार के सामान छोटा सा बॉक्स होता है माउस क अधिकतर प्रयोग ग्राफिकल कार्यो में किया जाता है इसके द्वारा टेक्स्ट की एडिटिंग भी की जा सकती है तथा डोकोमेंट में एक स्थान से दुसरे स्थान पर आसानी से क्लिक किया जा सकता है मुख्यत माउस तीन प्रकार के होते है आइये जानते है --
▶Optical Mouse - वर्तमान में ऑप्टिकल माउस का उपयोग सार्वधिक किया जाता है इसमें हिलाए जाने वाला कोई भी भाग नहीं होता है इसमें मौसे की गति पहचानने के लिए प्रकास का उपयोग किया जाता है ऑप्टिकल माउस का उपयोग लगभग हर सतह पर किया जाता है.
दोस्तों कीबोर्ड पांच प्रकार के होते है आइये जानते है यह पांच प्रकार कोन कोन से होते है ..
▶पारम्परिक कीबोर्ड - दोस्तों पारम्परिक कीबोर्ड सम्मान्य कीबोर्ड होते है यह डिजाईन में आयताकार और दर्द्द होते है पारम्परिक कीबोर्ड के बारे में मेने आपको उपर विवरण में बता दिया है
▶लचीले कीबोर्ड - दोस्तों जेसा की नाम से पता चलता ह की लचीले कीबोर्ड वे कीबोर्ड होते है जिन्हें आसानी से मोड़ा या लपेटा जा सकता है इस प्रकार का कीबोर्ड मुक्यथ मोबाइल यूजर के लिए डिजाईन किया गया है
▶ग्रोनोमिक कीबोर्ड - दोस्तों यह कीबोर्ड पारम्परिक कीबोर्ड के ही सामान होता है लेकिन यह आकर में आयताकार नहीं होते इसमें हथेली रखने के लिए एक नाम रेस्ट प्रदान किया जाता है इस प्रकार का कीबोर्ड कलाई में होने वाले दर्द से बचने के लिए डिजाईन किया गया है
▶वायरलेस कीबोर्ड - इस प्रकार का कीबोर्ड इनपुट किये गये डाटा को वायु के माद्यम से सिस्टम यूनिट में स्थानांतरित करता है इसमें सिस्टम यूनिट से कीबोर्ड जोड़ने के लिए तारो का उपयोग नहीं किया जाता
▶पीडीए कीबोर्ड - एस प्रकार के कीबोर्ड को मुख्यत पीडीए और स्मार्ट फ़ोन द्वारा ई -मेल भेजने डोकोमेंटबनाने और अन्य कार्यो को करने के लिए डिजाईन किया गया है .
► Mouse (माउस)
दोस्तों माउस कर्सर कंट्रोलिंग तथा पोइंटिंग उपकरण है अर्थात माउस द्वारा कंप्यूटर स्क्रीन पर कण्ट्रोल को नियंत्रित किया जाता है तथा विशेष स्थान पर पॉइंट किया जाता है माउस हतेली के आकार के सामान छोटा सा बॉक्स होता है माउस क अधिकतर प्रयोग ग्राफिकल कार्यो में किया जाता है इसके द्वारा टेक्स्ट की एडिटिंग भी की जा सकती है तथा डोकोमेंट में एक स्थान से दुसरे स्थान पर आसानी से क्लिक किया जा सकता है मुख्यत माउस तीन प्रकार के होते है आइये जानते है --
▶Optical Mouse - वर्तमान में ऑप्टिकल माउस का उपयोग सार्वधिक किया जाता है इसमें हिलाए जाने वाला कोई भी भाग नहीं होता है इसमें मौसे की गति पहचानने के लिए प्रकास का उपयोग किया जाता है ऑप्टिकल माउस का उपयोग लगभग हर सतह पर किया जाता है.
▶Mechanical Mouse - मैकेनिकल माउस की उपरी सतह पर दो या तीन बटन बने हुए होते है व निचली सतह पर एक छोटी सी बोल लगी हुई होती है जब माउस को समतल साथ पर घुमाया जाता है तो एक पॉइंटर मोनिटर स्क्रीन पर घूमता है माउस की उपरी सतह पर बने बटनों का उपयोग सामान्य कंप्यूटर को निर्देश देने के लिए किया जाता है मध्यम बटन का प्रयोग डोकोमेंट को उपर या निचे करके देखने के लिए काम में लिया जाता है
▶Wireless Mouse - इसे कोद्लेस माउस भी कहते है इसमें तार की आवश्यकता नहीं होती है और इसे बैटरी से संचालित किया जाता है सिस्टम यूनिट के साथ संचार करने के लिए रेडिओ तरंगो का या इन्फ्रारेड तरंगो का उपयोग किया जाता है.
►Scanner (स्कैनर)
स्कैनिंग उपकरण वे उपकरण होते है जिनका उपयोग डाटा को स्कैन करने के लिए किया जाता है इसमें स्कैनिंग उपकरण को टेक्स्ट या इमेज पर घुमाया जाता है इससे डाटा प्रोसेस होकर सिस्टम में स्टोर हो जाता है स्कैनिंग उपकरण निम्न चार प्रकार के होते है ..
▶Optical Scanner - स्कैनर को ही ऑप्टिकल स्कैनर कहते है इसका उपयोग इमेज या हस्तलिखित टेक्स्ट को स्टोर करने के लिए किया जाता है स्कैनर द्वारा इमेज को स्कैन करने के लिए फोटोकॉपी मशीन के सामान लेजर तकनीक का उपयोग किया जाता है स्कैन की जाने वाली सुचना किसी भी प्रकार की हो सकती है स्कैनर उस सूचना को सुधता के साथ स्कैन करके मेमोरी में स्टोर क्र देता है स्कैनर मूल रूप से दो प्रकार का होता है एक फ्लेटबेड स्कैनर और दूसरा पोर्टेबल स्कैनर फ्लेटबेड स्कैनर फोटोकॉपी मसीन जेसा होता है जबकि पोर्टेबल स्कैनर हाथ में पकड़ने वाला उपकरण होता है.
▶Card Reader - कार्ड रीडर का उपयोग क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के डाटा को अक्सेस करने के लिए किया जाता है क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड में मुख्यत यूजर का नाम ,पहचान संख्या ,यूजर हस्ताक्षर ,आदि होते है इसके अलावा इसमें एन्कोडेड सूचनाये भी स्टोर होती है कार्ड रीडर इन सूचनाओ को पढ लेते है इसके लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड को कार्ड रीडर में से गुजरना होता है कार्ड रीडर मूल रूप से निम्न दो प्रकार के होते है .
◆ मेग्नेटिक कार्ड रीडर
◆ रेडिओ फ्रीक्वेंसी कार्ड रीडर
◆ मेग्नेटिक कार्ड रीडर - मेग्नेटिक कार्ड रीडर सार्वधिक प्रचलित कार्ड रीडर होते है जब कार्ड ,कार्ड रीडर के अंदर से गुजरता है यह कार्ड रीडर के पीछे बनी मेग्नेट पट्टी में स्टोर सूचनाओ को पढ़ लेता है .
◆ रेडिओ फ्रीक्वेंसी कार्ड रीडर - यह कार्ड रीडर ज्यादा प्रचलन में नहीं है इसमें जब कार्ड ,कार्ड रीडर के अंदर से गुजरता है तो यह कार्ड के पीछे बनी मैगनेट पट्टी में स्टोर सूचनाओ को पढ़ लेता है इसमें कार्ड को रीडर के सम्पर्क में लाने की आवश्यकता नहीं है कार्ड में एक RFID माइक्रोचिप होता है जब कार्ड रीडर के कुछ इंच के दायरे के भीतर गुजरता है तो रीडर यूजर की सूचनाओ को पढ़ लेता है.
►Bar Code Reader - आजकल इस उपकरण का उपयोग सबसे ज्यादा हो रहा है इस उपकरण का उपयोग पूर्व प्रिंटेडबार कोड को पढने के लिए किया जाता है बार कोड पहले से तैयार किया गया लाइनों का एक फोर्मेट होता है बार कोड रीडर इन लाइनों की संख्या इनके बीच में छोड़े गये रिक्त स्थान अदि को पढकर वस्तू की वैधता या अवेध्यता की जाँच करता है तथा वस्तु का मूल्य कंप्यूटर सिस्टम में इंटर करता है .
►MICR (Magnetic Ink Character Reader) - मेग्नेटिक इंक करेक्टर रीडर का प्रयोग विषेस फॉर्मेट तथा विषेस स्याही से लिखे हुए अक्षरों को पढने के लिए किया जाता है इसमें अक्षरों को विषेस फॉण्ट में तथा चुम्बकीय स्याही से लिखा जाता है जब इन विषेस अक्षरों को MICR के द्वारा प्रोसेस कराया जाता है तो MICR इनकी वैद्यता तथा अवैध्यता कोई जाँच करता है . इस विधि का प्रयोग सामान्यत बैंक में चेक प्रोसेस करने के लिए किया जाता है .
►OCR (Optical Character Reader ) - यह उपकरण हाथ में पकड़ने वाला वैंड रीडर होता है इसका उपयोग मुख्यत डीपार्त्मेंटल स्टोरों में मुद्रित करेक्टरो पर प्रकास प्रवर्तित करके खुदरा कीमत टेंगो को पढने के लिए किया जाता है .
►OMR (Optical Mark Reader) - इस उपकरण का उपयोग मुख्यत बहु विकल्प परीक्षण की जाँच करने के लिए किया जाता है यह पेंसिल के चिन्हों से उपस्थित और अनुस्थित दर्ज क्र देता है
▶Wireless Mouse - इसे कोद्लेस माउस भी कहते है इसमें तार की आवश्यकता नहीं होती है और इसे बैटरी से संचालित किया जाता है सिस्टम यूनिट के साथ संचार करने के लिए रेडिओ तरंगो का या इन्फ्रारेड तरंगो का उपयोग किया जाता है.
►Scanner (स्कैनर)
स्कैनिंग उपकरण वे उपकरण होते है जिनका उपयोग डाटा को स्कैन करने के लिए किया जाता है इसमें स्कैनिंग उपकरण को टेक्स्ट या इमेज पर घुमाया जाता है इससे डाटा प्रोसेस होकर सिस्टम में स्टोर हो जाता है स्कैनिंग उपकरण निम्न चार प्रकार के होते है ..
▶Optical Scanner - स्कैनर को ही ऑप्टिकल स्कैनर कहते है इसका उपयोग इमेज या हस्तलिखित टेक्स्ट को स्टोर करने के लिए किया जाता है स्कैनर द्वारा इमेज को स्कैन करने के लिए फोटोकॉपी मशीन के सामान लेजर तकनीक का उपयोग किया जाता है स्कैन की जाने वाली सुचना किसी भी प्रकार की हो सकती है स्कैनर उस सूचना को सुधता के साथ स्कैन करके मेमोरी में स्टोर क्र देता है स्कैनर मूल रूप से दो प्रकार का होता है एक फ्लेटबेड स्कैनर और दूसरा पोर्टेबल स्कैनर फ्लेटबेड स्कैनर फोटोकॉपी मसीन जेसा होता है जबकि पोर्टेबल स्कैनर हाथ में पकड़ने वाला उपकरण होता है.
▶Card Reader - कार्ड रीडर का उपयोग क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड के डाटा को अक्सेस करने के लिए किया जाता है क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड में मुख्यत यूजर का नाम ,पहचान संख्या ,यूजर हस्ताक्षर ,आदि होते है इसके अलावा इसमें एन्कोडेड सूचनाये भी स्टोर होती है कार्ड रीडर इन सूचनाओ को पढ लेते है इसके लिए क्रेडिट या डेबिट कार्ड को कार्ड रीडर में से गुजरना होता है कार्ड रीडर मूल रूप से निम्न दो प्रकार के होते है .
◆ मेग्नेटिक कार्ड रीडर
◆ रेडिओ फ्रीक्वेंसी कार्ड रीडर
◆ मेग्नेटिक कार्ड रीडर - मेग्नेटिक कार्ड रीडर सार्वधिक प्रचलित कार्ड रीडर होते है जब कार्ड ,कार्ड रीडर के अंदर से गुजरता है यह कार्ड रीडर के पीछे बनी मेग्नेट पट्टी में स्टोर सूचनाओ को पढ़ लेता है .
◆ रेडिओ फ्रीक्वेंसी कार्ड रीडर - यह कार्ड रीडर ज्यादा प्रचलन में नहीं है इसमें जब कार्ड ,कार्ड रीडर के अंदर से गुजरता है तो यह कार्ड के पीछे बनी मैगनेट पट्टी में स्टोर सूचनाओ को पढ़ लेता है इसमें कार्ड को रीडर के सम्पर्क में लाने की आवश्यकता नहीं है कार्ड में एक RFID माइक्रोचिप होता है जब कार्ड रीडर के कुछ इंच के दायरे के भीतर गुजरता है तो रीडर यूजर की सूचनाओ को पढ़ लेता है.
►Bar Code Reader - आजकल इस उपकरण का उपयोग सबसे ज्यादा हो रहा है इस उपकरण का उपयोग पूर्व प्रिंटेडबार कोड को पढने के लिए किया जाता है बार कोड पहले से तैयार किया गया लाइनों का एक फोर्मेट होता है बार कोड रीडर इन लाइनों की संख्या इनके बीच में छोड़े गये रिक्त स्थान अदि को पढकर वस्तू की वैधता या अवेध्यता की जाँच करता है तथा वस्तु का मूल्य कंप्यूटर सिस्टम में इंटर करता है .
►MICR (Magnetic Ink Character Reader) - मेग्नेटिक इंक करेक्टर रीडर का प्रयोग विषेस फॉर्मेट तथा विषेस स्याही से लिखे हुए अक्षरों को पढने के लिए किया जाता है इसमें अक्षरों को विषेस फॉण्ट में तथा चुम्बकीय स्याही से लिखा जाता है जब इन विषेस अक्षरों को MICR के द्वारा प्रोसेस कराया जाता है तो MICR इनकी वैद्यता तथा अवैध्यता कोई जाँच करता है . इस विधि का प्रयोग सामान्यत बैंक में चेक प्रोसेस करने के लिए किया जाता है .
►OCR (Optical Character Reader ) - यह उपकरण हाथ में पकड़ने वाला वैंड रीडर होता है इसका उपयोग मुख्यत डीपार्त्मेंटल स्टोरों में मुद्रित करेक्टरो पर प्रकास प्रवर्तित करके खुदरा कीमत टेंगो को पढने के लिए किया जाता है .
►OMR (Optical Mark Reader) - इस उपकरण का उपयोग मुख्यत बहु विकल्प परीक्षण की जाँच करने के लिए किया जाता है यह पेंसिल के चिन्हों से उपस्थित और अनुस्थित दर्ज क्र देता है
2.Output Device (आउटपुट उपकरण )
आउटपुट उपकरण वे उपकरण होते है जो प्रोसेसिंग के बाद परिणाम को प्रदर्सित करते है आउटपुट उपकरण तीन प्रकार के होते है एक सॉफ्ट कॉपी दूसरा हार्ड कॉपी और तीसरा ऑडियो आउटपुट उपकरण .► Softcopy Output Device (सॉफ्ट कॉपी आउटपुट उपकरण ) - इस श्रेणी में वे निर्गम उपकरण आते है जिसमे पॉवर बंद हो जाने पर सुचना समाप्त हो जाती है इनमे सुचना तब तक दिखाई देती है जब तक पॉवर ओंन है इस श्रेणी का मुख्य उपकरण मोनिटर अथार्त विजुअल डिस्प्ले यूनिट है .
विजुअल डिस्प्ले यूनिट कंप्यूटर से जुड़े मॉनिटर को कहा जाता है मॉनिटर एक केबल द्वारा सीपीयू से जुड़ा होता है मॉनिटर स्क्रीन पर सूचनाओ को मेट्रिक्स के रूप में प्रदर्शित किया जाता है इसकी स्क्रीन पर फास्फोरस का लेप किया होता है .
मॉनिटर सवार्धिक उपयोग किया जाने वाला आउटपुट उपकरण है यह टेक्स्ट ग्राफ़िक्स ऑडियो विडियो सभी को एक समान प्रदर्शित कर सकता है आकार आकृति और लागत के आधार पर मॉनिटर अलग अलग प्रकार के होते है सभी प्रकार के मॉनिटरो में कुछ मुलभुत विशेषताए समान होती है एक मॉनिटर की महत्वपूर्ण विशेषताए इसकी स्पष्टता प्रदर्शित तस्वीरों की गुणवता और पैनेपन को प्रदर्शित करती है मॉनिटर की विभिन्न विशेषताओं में रेजोल्यूशन डॉट पिच रिफ्रेश रेट आकार और एस्पेक्ट रेसिओ जैसी विशेषताए शामिल होती है .
◆ रेजोल्यूशन - रेजोल्यूशन मोनिटर की महत्वपूर्ण विशेषताओ में से एक है मॉनिटर पर तश्वीरे डॉट या पिक्सल (पिक्चर एलिमेंट )की श्रंखला द्वारा बनती है रेजोल्यूशन को इन डॉट या पिक्सल के रूप में व्यक्त किया जाता है उदारण के लिए आजकल कई मोनिटरो में 1600 पिक्सल वाले कॉलम तथा 1200 पिक्सेल वाली रो और इस प्रकार 1920000 पिक्सेल का रेसोल्यूशन होता है मोनिटर का रेसोल्यूशन जितना अधिक होता हैनजर आने वाली तस्वीरे उतनी ही ज्यादा स्पष्ट होगी .
◆ डॉट पिच - डॉट पिच प्रत्येक पिक्सेल के बीच की दुरी होती है सार्वधीक नये मोनिटरो में .31 मिमी की डॉट पिच होती है डॉट पिच जितनी कम होती है तस्वीरे उतनी ही स्पष्ट दिखाई देती है .
◆ रिफ्रेश रेट - रिफ्रेस रेट दर्शाता है की किसी प्रदर्सित इमेज को कितनी बार अपडेट या रिफ्रेश किया जाता है अधिकतर मोनिटर 75 हर्ट्ज की दर से कार्य करते है इसका अर्थ है की कंप्यूटर प्रत्येक सेकंड में 75 बार रेफेश जाते है रिफ्रेश रेट जितना अधीक होता है प्रदर्शित तस्वीरों की गुणवता उतनी ही अधीक होगी .सामान्य आकर के मोनिटर 15 , 17 ,19 ,21 ,और 24 इंच के होते है .
◆ एक्सेप्ट रेसियो - मोनिटर की चोड़ाई को इसकी ऊंचाई से विभाजित करके निर्धारित किया जाता है मोनिटरो के लिए सामान्य एक्सेप्ट रेसियो 4:3 और 16 :10 (वाइड स्क्रीन) होता है .
► Hard Copy Output Device (हार्ड कॉपी आउटपुट डिवाइस ) - हार्ड कॉपी उपकरण वे उपकरण होते है जो हमें स्थाई आउटपुट प्रदान करते है अर्थात इस प्रकार के आउटपुट को एक बार प्राप्त करने के बाद इ पॉवर बंद हो जाती है तो भी उसका उपयोग क्र सकते है इस प्रकार के उपकरण निम्न प्रकार से है -
◆ Printer (प्रिंटर ) - दोस्तों र का उपयोग सामान्यत हार्ड कॉपी आउटपुट प्राप्त के लिए किया जाता है सार्वधीक उपयोग में जाने वाले प्रिंटर निम्न प्रकार है
⚫ Dot Matrix Printer - डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर द्वारा प्रतेक अक्षर को डॉट के रूप में प्रिंट किया जाता है इस कारण से इसे डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर कहा जाता है इस प्रिंटर के हेड पिन के मेट्रिक्स की बनी होती है तथा मेट्रिक्स की साइज़ 7,9,18,24 हो सकती है हेड स एपिन अक्षर की फॉर्म में आकार में डॉट के रूप में बहर निकलती है तथा अक्ष भी डॉट के रूप में प्रिंट होते है .
⚫ Inkjet Printer - इंकजेट प्रिंटर करेक्टर प्रिंटर तथा नॉन इंकजेट प्रिंटर होता है इसके हेड मे एक जेट लगा हुआ होता है तथा निचे की तरफ छोटे छोटे छिद्र् होते है जेट में स्याही भरी होती है इस प्रकार के प्रिंटर में रिबन का प्रयोग नहीं होता है तथा इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी काफी अच्छी होती है .
⚫ Drum Printer - ड्रम प्रिंटर में हेड गोलाकार ड्रम के रूप में होते है जिस पर पूर्व परिभासित अक्षर छपे हुए होते है गोलाकार ड्रम अपने निस्चित स्थान पर घूमता रहता है अक्षर को प्रिंट करते वक़्त वह बहर निकलकर रिबन से और रिबन पेपर से टकराता है इसमें एक लाइन एक बार में प्रिंट होती है .
⚫ Laser Printer - लेजर प्रिंटर फोटो कोपी मशीन के सिधांत पर काम करता है इसमें लेज़र बीम द्वारा फोटो को डिडेक्ट किया जाता है डिडेक्ट की गयी फोटो ड्रम के सम्पर्क में आती है ड्रम पेपर के साथ घूमता है जिससे इंक पेपर पर अंकित होती है इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी बहुत अछि होती है .
⚫ Plotter - प्लॉटर में प्रिंट करने के लिए इन्क्पेन या इंकजेट का प्रयोग किया जाता है इन्क्पेन व इंकजेट के रंग एक से अधिकं हो सकते है पेन या जेट को मोटर द्वारा चलाया जाता है प्लॉटर का प्रयोग अछि क्वालिटी की प्रिंटिंग करने के लिए किया जाता है इसमें मुख्यत लेखाचित्र ,चार्ट आदि को प्रिंट किया जाता है .
निष्कर्ष :
आज इस पोस्ट के माध्यम से आपने जाना की कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट सिस्टम क्या होता है और यह किस प्रकार काम करता है आशा करते है की आपको इनपुट और आउटपुट सिस्टम के बारे में अछे से समझ में आ गया होगा .
दोस्तों इस पोस्ट की जानकरी आप अपने सारे दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे जिससे और भी लोगो तक यह जानकारी पहुचे और दोस्तों आपको यदि इस पोस्ट में कोई परेशानी आई हो तो आप हमे कमेंट करे हम आपकी जरुर सहायता करेंगे
विजुअल डिस्प्ले यूनिट कंप्यूटर से जुड़े मॉनिटर को कहा जाता है मॉनिटर एक केबल द्वारा सीपीयू से जुड़ा होता है मॉनिटर स्क्रीन पर सूचनाओ को मेट्रिक्स के रूप में प्रदर्शित किया जाता है इसकी स्क्रीन पर फास्फोरस का लेप किया होता है .
मॉनिटर सवार्धिक उपयोग किया जाने वाला आउटपुट उपकरण है यह टेक्स्ट ग्राफ़िक्स ऑडियो विडियो सभी को एक समान प्रदर्शित कर सकता है आकार आकृति और लागत के आधार पर मॉनिटर अलग अलग प्रकार के होते है सभी प्रकार के मॉनिटरो में कुछ मुलभुत विशेषताए समान होती है एक मॉनिटर की महत्वपूर्ण विशेषताए इसकी स्पष्टता प्रदर्शित तस्वीरों की गुणवता और पैनेपन को प्रदर्शित करती है मॉनिटर की विभिन्न विशेषताओं में रेजोल्यूशन डॉट पिच रिफ्रेश रेट आकार और एस्पेक्ट रेसिओ जैसी विशेषताए शामिल होती है .
◆ रेजोल्यूशन - रेजोल्यूशन मोनिटर की महत्वपूर्ण विशेषताओ में से एक है मॉनिटर पर तश्वीरे डॉट या पिक्सल (पिक्चर एलिमेंट )की श्रंखला द्वारा बनती है रेजोल्यूशन को इन डॉट या पिक्सल के रूप में व्यक्त किया जाता है उदारण के लिए आजकल कई मोनिटरो में 1600 पिक्सल वाले कॉलम तथा 1200 पिक्सेल वाली रो और इस प्रकार 1920000 पिक्सेल का रेसोल्यूशन होता है मोनिटर का रेसोल्यूशन जितना अधिक होता हैनजर आने वाली तस्वीरे उतनी ही ज्यादा स्पष्ट होगी .
◆ डॉट पिच - डॉट पिच प्रत्येक पिक्सेल के बीच की दुरी होती है सार्वधीक नये मोनिटरो में .31 मिमी की डॉट पिच होती है डॉट पिच जितनी कम होती है तस्वीरे उतनी ही स्पष्ट दिखाई देती है .
◆ रिफ्रेश रेट - रिफ्रेस रेट दर्शाता है की किसी प्रदर्सित इमेज को कितनी बार अपडेट या रिफ्रेश किया जाता है अधिकतर मोनिटर 75 हर्ट्ज की दर से कार्य करते है इसका अर्थ है की कंप्यूटर प्रत्येक सेकंड में 75 बार रेफेश जाते है रिफ्रेश रेट जितना अधीक होता है प्रदर्शित तस्वीरों की गुणवता उतनी ही अधीक होगी .सामान्य आकर के मोनिटर 15 , 17 ,19 ,21 ,और 24 इंच के होते है .
◆ एक्सेप्ट रेसियो - मोनिटर की चोड़ाई को इसकी ऊंचाई से विभाजित करके निर्धारित किया जाता है मोनिटरो के लिए सामान्य एक्सेप्ट रेसियो 4:3 और 16 :10 (वाइड स्क्रीन) होता है .
► Hard Copy Output Device (हार्ड कॉपी आउटपुट डिवाइस ) - हार्ड कॉपी उपकरण वे उपकरण होते है जो हमें स्थाई आउटपुट प्रदान करते है अर्थात इस प्रकार के आउटपुट को एक बार प्राप्त करने के बाद इ पॉवर बंद हो जाती है तो भी उसका उपयोग क्र सकते है इस प्रकार के उपकरण निम्न प्रकार से है -
◆ Printer (प्रिंटर ) - दोस्तों र का उपयोग सामान्यत हार्ड कॉपी आउटपुट प्राप्त के लिए किया जाता है सार्वधीक उपयोग में जाने वाले प्रिंटर निम्न प्रकार है
⚫ Dot Matrix Printer - डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर द्वारा प्रतेक अक्षर को डॉट के रूप में प्रिंट किया जाता है इस कारण से इसे डॉट मेट्रिक्स प्रिंटर कहा जाता है इस प्रिंटर के हेड पिन के मेट्रिक्स की बनी होती है तथा मेट्रिक्स की साइज़ 7,9,18,24 हो सकती है हेड स एपिन अक्षर की फॉर्म में आकार में डॉट के रूप में बहर निकलती है तथा अक्ष भी डॉट के रूप में प्रिंट होते है .
⚫ Inkjet Printer - इंकजेट प्रिंटर करेक्टर प्रिंटर तथा नॉन इंकजेट प्रिंटर होता है इसके हेड मे एक जेट लगा हुआ होता है तथा निचे की तरफ छोटे छोटे छिद्र् होते है जेट में स्याही भरी होती है इस प्रकार के प्रिंटर में रिबन का प्रयोग नहीं होता है तथा इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी काफी अच्छी होती है .
⚫ Drum Printer - ड्रम प्रिंटर में हेड गोलाकार ड्रम के रूप में होते है जिस पर पूर्व परिभासित अक्षर छपे हुए होते है गोलाकार ड्रम अपने निस्चित स्थान पर घूमता रहता है अक्षर को प्रिंट करते वक़्त वह बहर निकलकर रिबन से और रिबन पेपर से टकराता है इसमें एक लाइन एक बार में प्रिंट होती है .
⚫ Laser Printer - लेजर प्रिंटर फोटो कोपी मशीन के सिधांत पर काम करता है इसमें लेज़र बीम द्वारा फोटो को डिडेक्ट किया जाता है डिडेक्ट की गयी फोटो ड्रम के सम्पर्क में आती है ड्रम पेपर के साथ घूमता है जिससे इंक पेपर पर अंकित होती है इसकी प्रिंटिंग क्वालिटी बहुत अछि होती है .
⚫ Plotter - प्लॉटर में प्रिंट करने के लिए इन्क्पेन या इंकजेट का प्रयोग किया जाता है इन्क्पेन व इंकजेट के रंग एक से अधिकं हो सकते है पेन या जेट को मोटर द्वारा चलाया जाता है प्लॉटर का प्रयोग अछि क्वालिटी की प्रिंटिंग करने के लिए किया जाता है इसमें मुख्यत लेखाचित्र ,चार्ट आदि को प्रिंट किया जाता है .
निष्कर्ष :
आज इस पोस्ट के माध्यम से आपने जाना की कंप्यूटर में इनपुट और आउटपुट सिस्टम क्या होता है और यह किस प्रकार काम करता है आशा करते है की आपको इनपुट और आउटपुट सिस्टम के बारे में अछे से समझ में आ गया होगा .
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